बायो ऊर्जा – ऊर्जा भविष्य की
अतीतकाल से देखा गया है कि, मनुष्य ऊर्जा ही के बल पर विकासपथ पर आगे बढ़ सका है। दैनंदिन दिनचर्या के छोटे छोटे कामों से लेकर इस उद्योगीकरण युग के सभी कल कारखानों में उर्जा के विभिन्न स्रोत ही उत्पाद को बढ़ाने का काम करते हैं| परंतु वर्तमान स्थिती में मानवजाति की बदलती जीवन शैली अनुसार जान पड रही ईंधनों की सीमितता तथा उनके कारण आने वाले उत्सर्जन, प्रदूषण, वैश्विक तापमान और जलवायु परिवर्तन जैसे संकटों का सामना करने के लिए जरुरत है - नवीकरणीय ऊर्जा की, अक्षय उर्जा की|
हाल ही में हुई पैरिस क्लाईमेट अग्रीमेंट में भी समूचे विश्व के सामने खडी इस चिंता पर विचार मंथन हुआ और स्थायी जेवन शैली याने “सस्टेनेबल लाईफस्टाइल” के लिए “क्लीन एनर्जी” का पर्याय ही सर्वोत्तम पर्याय माना गया| हाइड्रो पावर, विंड पावर, सोलर पावर जैसे प्राकृतिक संसाधनों (नैचरल रिसोर्सेस) के साथ साथ क्लीन एनर्जी के लिए जैव ऊर्जा याने बायो ऊर्जा भी उतना ही सशक्त साधन है| खेतों, पेड़ पौधों, गाँवों, शहरों, कारखानों जैसी सभी जगहों में मिलने वाले प्राकृतिक, औद्योकिक, या मानव निर्मित अपशिष्ट(वेस्ट) का अपव्यय न करते हुए यदि इसी वेस्ट को ऊर्जा का स्रोत बनाया जाए तो देश के लिए ये एक बड़ा कदम होगा| प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना है कि भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व का नेता बने, विश्व को नेतृत्व दे। “वेस्ट टू वेल्थ” के सूत्र को अपनाते हुए भारत को चाहिए कि वह “बायो एनर्जी” को अपना प्रमुख ऊर्जा स्रोत बनाए और निरंतर प्रगतिपथ पर आगे बढ़ता रहे|
वर्ष २००२ में तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने एक पॉलिसी गठित करते हुए पेट्रोलियम में 5 प्रतिशत के ईथनॉल ब्लेंडिंग की बात कही| २०१४ में आई मोदी सरकार के तहत माननीय मंत्री श्री. धमेंद्र प्रधान जी के नेतृत्व में पेट्रोलियम और नेचुरल गैस विभाग ने ५ प्रतिशत ईथनॉल ब्लेंडिंग को वास्तव में ले आने का साहस किया और तबसे इस क्षेत्र में नई पहल की शुरुवात हुई| बायो डीजल, ईथनॉल और सी.एन.जी पर चलने वाली गाड़ियों में दिन प्रतिदिन होने वाली बढौतरी इस बात का संकेत है की देश ने ऊर्जा का सही महाद्वार खोला है| साथ साथ बायो गैस, बायो इलेक्ट्रिसिटी जैसे अन्य विकल्प भी देश की अधिकांश ऊर्जा की माँग को पूरा करने को सक्षम हैं|
पेट्रोलियम और नेचुरल गैस विभाग में धर्मेंद्रजी के मुख्य सलाहकार श्री. रामकृष्णजी के नेतृत्व में एक “बायो फ्युअल वर्किंग ग्रुप” का निर्माण हुआ है जो देश को इस नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा के माध्यम से अधिक समृद्ध और आत्मनिर्भर कर सके| मंत्रालय के इस ग्रुप के साथ जुड़कर, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम एवं इंडियन ऑईल के सहयोग से नैशनल युवा को-ऑपरेटिव सोसायटी - एन.वाई.सी.एस (इंडिया) ने ७ एवं ८ जुलाई को पुणे में एन अभिनव उत्सव – बायो एनर्जी उर्जा उत्सव का आयोजन किया| कार्यक्रम का हेतु इस क्षेत्र से मिलने वाली सुविधाओं और फायदों से जन सामान्य को अवगत कराना एवं विद्यार्थियों और युवाओं को इस क्षेत्र से निर्माण होने वाले रोजगार जे अवसरों से परिचित कराना था| किसानों को बायो ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना भी इस उत्सव का उद्द्येश्य था | मंत्रिमंडल के सभी आदरणीय वरिष्ठ नेतागण, पुणे शहर के निर्वाचित विधायक, बायो एनर्जी और बायो फ्युअल से जुडी बड़ी कंपनियाँ ,अनुसंशोधक, अन्वेषक, विद्यार्थी तथा गाँव में भी इस ऊर्जा का उपयोग और प्रयोग करने वाले हमारे किसान भाई – इन सभी के उत्साहपूर्ण प्रतिभाग से यह दो दिनों का कार्यक्रम सफलता से संपूर्ण हुआ|
कार्यक्रम में बायो ऊर्जा के क्षेत्र की उपलब्धियों पर चर्चा हुई, नए विचारों और संधानों पर विचार विमर्श हुआ, नई तकनीकों की जानकारी दी गई| इस क्षेत्र के सभी दिग्गज अधिकारी और संशोधक भी इसमें शामिल थे| किसानों और युवाओं के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया गया | जन जागृति हेतु बायो डीजल कार रैली भी यहाँ पर संचलित हुई और विविध प्रतियोगिताओं द्वारा जैसे की क्वीज़ कॉम्पीटिशन , पेंटिंग कॉम्पीटिशन जो भारत की कल की पीढ़ी को - विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जा सके| एन.वाई.सी.एस (इंडिया) के सभी डायरेक्टर्स , कर्मचारी और प्रतिनिधियों इस दो दिवसीय कार्यक्रम में महीने भर पहले ही से जुट गए थे| भारत के नव निर्माण में कारक किसी भी क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए एन.वाई.सी.एस सदा ही तत्पर है |
१० अगस्त को “विश्व बायो फ्युअल दिवस” के उपलक्ष में अपने इस अनुभव का अधिक से अधिक उपयोग करने की मनीषा से और इस विषय और प्रकल्प को ज्यादा से ज्यादा जगहों में लोगों तक पहुँचाने के उद्द्येश्य से एन.वाई.सी.एस सौ से भी अधिक जगहों पर ऐसे ही लघु ऊर्जा उत्सवों का आयोजन कर रहा है| पुणे और पडोसी विभागों में सफल “बायो एनर्जी ऊर्जा उत्सव” से मिली प्रेरणा को एन.वाई.सी.एस (इंडिया) देश भर में ले जाना चाहती है | एन.वाई.सी.एस की यह कोशिश जिसमें जनभागीदारी से आगे चलकर न केवल भारत में ऊर्जा सुरक्षा रहेगी, परंतु भारत के नवीकरणीय ऊर्जा के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ कर विश्व में अक्षय ऊर्जा के माध्यम से भारत के नेतृत्व का संयोग ला पाएगी यही आशा हम रखते हैं|
- राजेश पांडे