किसी भी राष्ट्र की प्रगती का मापदंड नियत करना हो, तो उस राष्ट्र कि युवा पीढ़ी की सोच, योग्यता, प्रतिभा तथा कौशल के मूल तक तक जाना अनिवार्य है| संपन्न एवं सक्षम पीढ़ी ही राष्ट्र को उन्नति के पथ पर ले जाने का सामर्थ्य रखती है| इसी सोच को अपनी विचारधारा में अंगीकृत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने देश भर में, सभी कौशल विकास के प्रयासों में समन्वय स्थापित करने हेतु भारत सरकार के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्थापना नवंबर २०१४ में की है|
औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति की माँग और आपूर्ति के बीच बने अंतर को सीमित रखने के प्रयास हेतु इस मंत्रालय अंतर्गत अभिनव परियोजनाओं का विकास और परीपालन हो रहा है| राष्ट्र आर्थिक एवं औद्योगिक विकास के जो नए क्षेत्र विकसित हो रहे हैं उनकी प्राथमिक आवश्यकता “स्किल्ड मैन पॉवर” है। परन्तु विद्यमान जनशक्ति में निपुणता एवं कुशलता का अधिकतर अभाव प्रतीत होता है| इस विफलता को दूर करने के उद्येश्य से शालेय जीवन से ही कौशल विकास के उपक्रम का पाठ्यक्रम में सम्मिलित होना अतैव आवश्यक है| कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इसी कार्य में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं| इस उपक्रम में दसवी की परीक्षाओं में असफल विद्यार्थियों को अपना भविष्य बनाने का नया अवसर मिलेगा| गणित एवं दूसरे कठिन विषयों की जगह वे अपनी रुची के किसी भी कौशल क्षेत्र का चयन कर सकेंगे| इसमें बैकिंग, ऑटोमोबाइल, गारमेंट, ब्यूटीशियन, फैब्रिकेशन, जेम एंड ज्वेलरी, नर्सिंग, केमिकल, कंप्यूटर और इन्ही हैसे बहुत सारे क्षेत्रों और समपर्क विषयों क समावेश है|
इतनी बड़ी परियोजना के एकल प्रयास से सफल होने में पर्याप्त समय की आवश्यकता होती है, परंतु यदि एकात्म सोच रखने वाली कई विचारधाराएँ संगठीत होकर प्रयास करें तो सफलता का मार्ग शीघ्र प्राप्त हो सकता है| सरकार की इस नई सोच को वास्तविकता देने हेतु “नैशनल युवा को-ऑपरेटिव सोसायटी”(NYCS) “प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना”(PKVY) अंतर्गत मंत्रालय से जुडी है| NYCS के अध्यक्ष श्री. राजेश पांडे यह मानते हैं कि देश के युवाओं को सक्षम बनाने के लिए सहकारीता एक माध्यम हो सकता है| “Empowerment of Youth Through Co-operation” यही NYCS का सूत्र है| युवाशक्ति को राष्ट्रशक्ति में परिवर्तित करने के उद्देश्य से NYCS ने तीन योजनाएँ कार्यान्वित की हैं|
जननिधि योजना के अंतर्गत युवाओं में उद्यमता प्रोत्साहित करने हेतु लघु या सूक्ष्म वित्तीय संस्था(microfinance) विकसित हो रही है जो युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करती हैं| खासकर उस आर्थिक स्तर के लोगों के लिए जो किसी आम बैंक में बचत खाता खोलने की शर्तों को पूर्ण करने में असमर्थ हैं, जननिधि अंतर्गत उद्योग स्थापित करने हेतु प्रारंभिक ऋण, बचत खाता, बचत गट आदि की व्यवस्था की जाती है| इसमें महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ भी सम्मिलित हैं|
हाल ही में संपन्न रियो-ऑलिम्पिक खेल स्पर्धाओं में भारत का प्रदर्शन उत्तेजनापूर्ण रहा| अगले ऑलिम्पिक में अधिक लक्षणीय प्रदर्शन का लक्ष्य सामने रखकर युवाओं में खेल के प्रति रुची उत्पन्न करने का, “टैलेंट हंट” के माध्यम से नए खिलाडी और नई प्रतिभा खोजने का एवं, होनहार खिलाडियों की कोचिंग, फिजियोथैरेपी, शारीरिक और साथ साथ मानसिक विकास का उत्तरदायित्व भी गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL(India) Limited) द्वारा प्रायोजित “इंडियन स्पीडस्टार” योजना के माध्यम से NYCS उठा रही |
NYCS परिवार की एक और शाखा – कोविदा “प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना”(PKVY) के सहाय्य हेतु देश भर में कौशल विकास का प्रशिक्षण देगी| इसके लिए संपूर्ण भारत में १५० से भी अधिक केन्द्र स्थापित किए गए हैं| “हर हाथ को काम और हर काम को सम्मान” यही NYCS का मंत्र है| भारत वर्ष की युवा संपदा में हुनर समाहित है एवं कौशल की आंतरिक उर्जा शक्ति विकास से राष्ट्र निर्माण में देश और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धी है| सदियों से चले आने वाले पारिवारिक हुनर या कलाओं को भी “सर्टिफिकेट” देकर रोजगार निर्माण का मान्यता प्राप्त तरीका बनाने का कोविदा का प्रयास रहेगा| कौशल भारत – कुशल भारत के मंत्र को सही स्वरुप से प्रस्थापित करने को NYCS वचनबद्ध है|
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